Little Known Facts About shiv stotram.
Little Known Facts About shiv stotram.
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कलानिधानबन्धुरः श्रियं जगद्धुरंधरः ॥८॥
मैं भगवान शिव की प्रार्थना करता हूं, जिनका कंठ मंदिरों की चमक से बंधा है,
प्रसूनधूलिधोरणी विधूसराङ्घ्रिपीठभूः ।
शिव— जसले त्रिपुरको विनाश गर्ने कामदेवलाई समाप्त गर्नुभयो,
जो विशाल मदमस्त हाथी की खाल से बने जगमगाते दुशाले से ढंका है।
स्फुरद्दिगन्तसन्ततिप्रमोदमानमानसे।
जिन्होंने कामदेव को अपने मस्तक पर जलने वाली अग्नि की चिनगारी से नष्ट किया check here था,
जटा कटाह सम्भ्रम भ्रमन्नि लिम्प निर्झरी
बस शिव का विचार ही भ्रम को दूर कर देता है।
जिन्होंने सांसारिक जीवन के बंधनों को नष्ट किया, जिन्होंने बलि का अंत किया,
जो रखते हैं सम्राटों और लोगों के प्रति समभाव दृष्टि,
गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम् ।
श्रीगणेशाय नमः । श्री दुर्गायै नमः । नगरांत प्रवेशले पंडुनंदन । तो देखिले दुर्गास्थान । धर्मराज करी स्तवन । जगदंबेचे तेधवा ॥
This stotra is very important on pradosha muhurta it provides enormous spiritual and mundane Gains to those that chant it in on Pradosha with devotion. What fruits it delivers is described in last stanzas of this stotra also .
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